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Current Affairs in Hindi GS :Ias Pcs coaching in Lucknow

नौ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बनाया रिकवरी प्लान

पीसीए के दायरे में रखे गए 11 में से नौ सार्वजनिक बैंकों ने सरकार के पास दो वर्षो की रिकवरी योजना दाखिल कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि इसके तहत ये बैंक अपनी सहायक शाखाओं में हिस्सेदारी की बिक्री और कॉरपोरेट कर्ज घटाने पर काम करेंगे। इन नौ बैंकों में देना बैंक, इलाहाबाद बैंक, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआइ), कॉरपोरेशन बैंक, आइडीबीआइ बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआइ), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक (आइओबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।

 

क्या है 

  1. वित्त मंत्री पीयूष गोयल नेपिछले महीने 11 सार्वजनिक बैंकों को अपनी माली हालत दुरुस्त करने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा जारी पूंजी पर्याप्तता मानकों का पालन करने के लिए कार्ययोजना दाखिल करने को कहा था
  2. बैंकों द्वारा दाखिल योजना में लागत घटाने, शाखाओं की संख्या कम करने, विदेशी शाखाएं बंद करने तथा कॉरपोरेट जगत के साथ-साथ अन्य कर्जदारों को जोखिम भरे कर्ज की मात्र घटाने जैसे उपाय शामिल हैं।
  3. गौरतलब है किप्रांप्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) के दायरे में रखे गए बैंकों पर लाभांश वितरण और मुनाफे के भुगतान के मोर्चे पर कई तरह के प्रतिबंध लगे होते हैं।
  4. ऐसे बैंकों के मालिक (सरकार) को इनमें पूंजी लगाने को कहा जा सकता है। इसके अलावा उन्हें शाखाओं की संख्या बढ़ाने से रोका जा सकता है। इनके निदेशकों को दी जाने वाली फीस भी सीमित की जा सकती है।
  5. सितंबर तक 13,000 करोड़ रुपये जुटाएगा पीएनबी: नीरव मोदी घोटाले का दंश झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने इस वर्ष सितंबर के अंत तक 13,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
  6. यह रकम बैंक की सहायक शाखा पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में हिस्सेदारी बेचने समेत फंसे कर्जो (एनपीए) की रिकवरी के जरिये जुटाई जाएगी। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में पीएनबी की08 फीसद हिस्सेदारी है।

आत्महत्या की कोशिश अब अपराध नहीं

भारत में आत्महत्या करने के लिए प्रयास करना अब अपराध नहीं रहा। मानसिक रूप से बीमार बच्चों को इलाज के लिए अब बिजली के झटके नहीं दिए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत आत्महत्या की कोशिश करने वाला व्यक्ति अपराधी माना जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। लेकिन इसके लिए तनाव की अधिकता समेत पर्याप्त कारण बताने होंगे। अगर उसने किसी को फंसाने के लिए आत्महत्या की कोशिश की होगी, तो उस पर संशोधित अधिनियम में अलग प्रावधान हैं।

 

क्या है 

  1. नए प्रावधान के अनुसार सरकार पीड़ित व्यक्ति की देखभाल करेगी, उसका इलाज कराएगी और उसके पुनर्वास का बंदोबस्त करेगी। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिए पूरी कवायद मुफ्त होगी।
  2. माना जाएगा कि तनाव की अधिकता या मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के चलते व्यक्ति ने आत्महत्या की कोशिश की। स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना इस कृत्य को मानवाधिकारों से जोड़ने की पहल मानी जा रही है। आत्महत्या के प्रयास को अपराध से हटाकर मानसिक बीमारी के तौर पर स्वीकार किया गया है।
  3. इसके अतिरिक्त अधिनियम में मानसिक बीमार बच्चों को इलेक्टि्रक शॉक (बिजली के झटके) देकर इलाज करना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है
  4. व्यस्कों को भी अब बेहोश करने और मांसपेशियों को राहत देने वाली दवा देने के बाद ही बिजली का झटका दिया जा सकेगा। साथ ही मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जंजीर से जकड़े जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
  5. कहा गया है कि सभी को सम्मान से जीने का अधिकार है, भले ही वह मानसिक रूप से बीमार ही क्यों न हो। इलाज के नाम पर मानसिक रूप से बीमार स्त्री या पुरुष का अब बंध्याकरण भी नहीं किया जा सकेगा। नई व्यवस्था में किसी भी आधार पर भेद नहीं किया जा सकेगा।

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