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1-नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जून 2018 नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में समापन टिपण्णियां कीं। प्रधानमंत्री ने रचनात्मक विचार विमर्श एवं विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए उपस्थित समूह को आश्वस्त किया कि निर्णय-निर्माण करते समय इन सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने नीति आयोग से कहा कि वह तीन महीनों के भीतर सुझाए गए कार्रवाई योग्य बिन्दुओं पर राज्यों के साथ अनुवर्ती कदम उठाए।

क्या है

नीति आयोग द्वारा चिन्हित 115 आकांक्षापूर्ण जिलों की तर्ज पर, राज्य आकांक्षापूर्ण ब्लॉक के रूप में राज्य के कुल ब्लॉक के 20 प्रतिशत को चिन्हित करने के लिए अपने खुद के मानकों को निर्धारित कर सकते हैं।

मुख्यमंत्रियों द्वारा उठाए गए पर्यावरण के मुद्वे पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से उनके सरकारी भवनों, कार्यालय निवासों एवं स्ट्रीटलाइटों में एलईडी बल्ब का उपयोग करने का अनुरोध किया।

उन्होंने विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा जल संरक्षण, कृषि, मनरेगा आदि मसलों पर दिए गए कई अन्य सुझावों की सराहना की।

मध्य प्रदेश, बिहार, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बुवाई-पूर्व एवं कटाई-उपरांत, दोनों ही चरणों समेत ‘कृषि एवं मनरेगा‘ के दो विषयों के प्रति एक समन्वित नीतिगत दृष्टिकोण पर अनुशंसाएं करने के लिए एक साथ मिल कर कार्य करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पंक्ति में अंतिम स्थान पर खड़े लोगों‘ की पहचान करना अहम है जिससे कि अभिशासन के लाभ उन तक पहुंच सकें। इसी प्रकार, सामाजिक न्याय भी एक महत्वपूर्ण अभिशासन लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इन नेक कामों के लिए घनिष्ठ समन्वयन एवं सतत निगरानी की आवश्यकता है।

उन्होंने 15 अगस्त, 2018 तक 115 आकांक्षापूर्ण जिलों के 45,000 अतिरिक्त गांवों तक सात प्रमुख योजनाओं का सार्वभौमिक कवरेज उपलब्ध कराने के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दुहराई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी गांवों तक अब बिजली पहुंच चुकी हैं और सौभाग्या योजना के तहत अब 4 करोड़ घरों तक बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता कवरेज चार वर्षों में लगभग 85 प्रतिशत तक पहुंच चुका है जो 40 प्रतिशत से भी कम था।

उन्होंनें कहा कि जन धन योजना के कार्यान्वयन के बाद देश की पूरी आबादी बैंकिंग प्रणाली से जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि, इसी प्रकार उज्जवला योजना कूकिंग गैस की सुविधा उपलब्ध करा रही है, मिशन इंद्रधनुष सार्वभौमिक टीकाकरण की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है।

2-अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर नरम रुख के पक्ष में नहीं है सरकार

भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी रिश्तों को लेकर हो रही बातचीत में सरकार नरम रुख रखने के पक्ष में नहीं है। भारतीय बाजार की संभावनाओं और अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर शुल्क वृद्धि को देखते हुए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच जल्द होने वाली बैठक में भारत सख्त रुख अपना सकता है। इस मुद्दे पर यूरोपीय देशों के साथ-साथ कुछ विकासशील देशों का समर्थन पाने की भी कोशिश की जा रही है।

हाल ही में वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों की खटास कम करने को लेकर बातचीत आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए अधिकारी स्तर की वार्ता के आयोजन का प्रस्ताव भी रखा है जो इस महीने के आखिर या अगले महीने की शुरुआत में हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि अमेरिका की तरफ से भारत के उत्पादों पर हो रही शुल्क वृद्धि को देखते हुए भारत इस बातचीत में अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी में है।

क्या है

सूत्रों के मुताबिक सरकार अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को सामान्य बनाने को बातचीत के लिए तो तैयार है। लेकिन वह शुल्क वृद्धि के मामले में झुकने को भी तैयार नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने ऐसे 30 उत्पादों की सूची पहले ही विश्व व्यापार संगठन को सौंप दी है जिसमें भारत के पास डब्ल्यूटीओ के दायरे में रहते हुए आयात शुल्क में और वृद्धि करने की गुंजाइश है।

इसके अतिरिक्त भारत कुछ विकासशील और यूरोपीय देशों के साथ बातचीत कर अमेरिका की शुल्क वृद्धि नीति के खिलाफ समर्थन जुटाने का भी प्रयास कर रहा है। ये सभी देश अमेरिका में अपने उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। अधिकारिक स्तर की प्रस्तावित बातचीत में भारत की तरफ से इन देशों की चिंताओं को भी रखने की तैयारी है।

 

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