News For Aspirants (Hindi)
भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त
1977 बैच और मध्य प्रदेश कैडर के आईएस अधिकारी और वर्तमान में चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम प्रकाश रावत भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। ओम प्रकाश रावत, ए के ज्योति का स्थान लेंगे और 23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण करेंगे।
क्या है
- इसके अलावाअशोक लवासा को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। ओमप्रकाश रावत को अगस्त 2015 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।
- इससे पहले वह भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा वह रक्षा मंत्रालय में भी निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
- अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 1994 में हुए संयुक्त राष्ट्र चुनाव के दौरानदक्षिण अफ्रीका में एक ऑब्जर्वर के रूप में प्रतिनियुक्ति मिली थी।
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साल 2018 में भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत साल 2018 में चीन को पछाड़ते हुए दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसके साथ ही, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि देश का शेयर बाज़ार दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाज़ार बन जाएगा। सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, जब शेष विश्व कम वृद्धि दर तथा अपर्याप्त ढांचागत बदलाव से गुजर रहा था, तब भारत दीर्घकालीन वृद्धि के साथ सुधार वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर देखा गया।
क्या है
- रिपोर्ट में कहा गया किभारत 2018 में चीन को पीछे छोड़ सबसे तेजी से वृद्धि करती बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत का शेयर बाजार भी पांचवां सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।
- रिपोर्ट के अनुसार, जब विकसित अर्थव्यवस्थाएं दो से तीन प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही थी, भारत5 प्रतिशत की दर को पार करने की रहा पर था।
- अब भारत को अन्य उभरते बाजारों की परिस्थिति के कारण भी फायदा मिल रहा है।
- चीन की वृद्धि दर में कमी का रुझान है। रिपोर्ट में सावधान किया गया कि यदि मुद्रास्फीति बढ़ी तो बाजार प्रभावित होगा।
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ओएनजीसी ने एचपीसीएल को खरीदा
सरकार पहली बार विनिवेश का लक्ष्य पार करती दिखाई दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ओएनजीसी ने देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनी एचपीसीएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया है। 36,915 करोड़ रुपये का यह सौदा जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा। सौदा पूरा होने से इस साल का कुल विनिवेश 91,252.6 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। बजट में इस साल विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था।
क्या है
- सौदे की शर्तो के मुताबिक, ओएनजीसी97 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) के 77.8 करोड़ शेयर खरीदेगी।
- यह कीमत 19 जनवरी 2018 कोएचपीसीएल के बंद भाव से 14 फीसद ज्यादा है। पिछले 60 दिन के औसत शेयर मूल्य की तुलना में भी यह 10 फीसद अधिक है।
- सौदा पूरा होने के बाद एचपीसीएल मेंसरकार की मौजूदा11 फीसद हिस्सेदारी ओएनजीसी के खाते में चली जाएगी। सरकार ने एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कीमत मांगी थी।
- सरकार का मानना था किखुली बोली में एचपीसीएल के लिए इतना मूल्य आसानी से मिल जाएगा। हालांकि कड़ी सौदेबाजी के बाद ओएनजीसी सौदे को 36,915 करोड़ रुपये में तय करने में सफल रही।
- सौदा पूरी तरह नकद होगा।इसके लिए कंपनी छोटी अवधि के कर्ज उठाएगी। कंपनी के पास 12,000 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व भी है। ओएनजीसी के बोर्ड ने कर्ज की सीमा पहले के 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी भी दे दी है।
- कंपनी ने बताया कि कुछ घरेलू और विदेशी वित्तीय संस्थाओं से अधिग्रहण की राशि के दोगुने के बराबर कर्ज पर पहले की सहमति बनी हुई है।
- एचपीसीएल के शेयर55 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे। इस आधार पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 63,475 करोड़ रुपये था। इसमें सरकार की 51.11 फीसद हिस्सेदारी का मूल्य 32,442 करोड़ रुपये था।