सेबी ने दी यूनीवर्सल एक्सचेंज को मंजूरी
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की बोर्ड बैठक में यूनीवर्सल एक्सचेंज को मंजूरी दे दी गई। इस मंजूरी के अमल में आने के बाद अब एक ही प्लेटफॉर्म पर शेयर और कमोडिटीज की ट्रेडिंग की जा सकेगी।
इसके लिए अक्टूबर 2018 की डेडलाइन निर्धारित की गई है। यानी इस अवधि तक यूनीवर्सल स्टॉक एक्सचेंज अस्तित्व में आ जाएंगे। सेबी की इस बोर्ड बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए। साथ ही इस बैठक में क्रेडिट रेटिंग कंपनियों के लिए भी कुछ फैसले किए गए। इतना ही नहीं सेबी कोशिश कर रहा है कि आरईआईटी (REITs) के लिए नियमों को सरल और तर्कसंगत बनाया जाएगा।
क्या है
- इस बैठक में लिस्टेड कंपनियों के लिए कुछ शर्तों के साथ डिस्क्लोजर नियमों को भी मंजूरी दी गई। वहीं CRA के न्यूनतम नेटवर्थ को 5 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ कर दिया गया है। वहीं ARC की लिस्टिंग बढ़ाए जाने की बात भी कही गई है।
- सेबी ने बताया कि यूनिवर्सल स्टॉक एक्सचेंज के अस्तित्व में आ जाने के बाद स्टॉक्स और कमोडिटीज की एक साथ ट्रेडिंग की जा सकेगी। इससे क्रॉस लिस्टिंग भी आसान हो जाएगी।
- सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को एक प्रशासन संरचना की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की समीक्षा की जाएगी। वहीं बोर्ड ने क्रेडिट रेटिंग कंपनियों के लिए नए नियमों को भी मंजूरी दी है।
- सिक्योरिटीज प्राप्तियां भी अब सूचीबद्ध हो सकती हैं और स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि सेबी ने म्युचुअल फंड नियमों में भी थोड़ा बदलाव किया है ताकि स्पांसर से जुड़े हितों के टकराव की स्थिति को रोका जा सके। एक म्युचुअल फंड के प्रायोजक की अन्य एमएफ हाउस में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी नहीं हो सकती है।
Source:Business standard