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हानिकारक बैक्टीरिया से होने वाली दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक Typhoid से बचने के लिए अब किफायती दामों में टीका यानि वैक्सीन आने वाली है। इस टीके को विश्व स्वास्थ्य संस्थान (WHO) से दुनिया भर में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है।
खास बात ये है कि इस वैक्सीन को एक भारतीय कंपनी ने ही तैयार किया है। डब्लूएचओ ने ‘Tybar TCV’ नाम की दवाई को टाइफाइड के नए टीके के रूप में मंजूरी दे दी, जिसके बाद अब ये जल्द ही दुनियाभर में उपलब्ध होगी। इस टीके के कारण अब लाखों लोगों को टाइफाइड होने से बचाया जा सकेगा, खासकर छोटे बच्चों को। टाइफाइड का बुखार ‘Salmonella typhi’ नाम के बैक्टीरिया से होता है जो गंदे पानी और नालियों में पाया जाता है। ये घातक बीमारी हर साल 2 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में लेती है और इसके कारण हर वर्ष 1,60,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
- टाइबार टीसीवी टीके का निर्माण हैदराबाद में स्थित Bharat Biotech कंपनी ने किया है। कंपनी ने 2005 में यह टीका बनाया था और भारत में इसे सफलता पूर्वक टेस्ट भी किया था।
- विश्व स्वास्थ्य संस्थान ने इसे लंबे वक्त बाद अब जाकर मंजूरी दी है। इसके अलावा भारत बायोटेक, पोलियो के लिए भी टीका बना चुकी है जिसे WHO ने मंजूर किया थाऔर साथ ही ये इबोला, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी खतरनाक बीमारियों के लिए भी वैक्सीन तैयार कर रही है।
- इस टीके को डोनर और यूएन जैसी संस्थान अब खरीद सकती हैं। फिलहाल यह एक टीका 1.50 डॉलर यानि करीब 95 रुपये का है। लेकिन कंपनी ने कहा है कि अगर 10 करोड़ लोगों के लिए ये इकट्ठा खरीदा जाए तो इसकी कीमत एक डॉलर से भी कम हो जाएगी।
- वैज्ञानिकों का मनना है कि इस टीके से 87 प्रतिशत तक टाइपाइड होने की संभावना को रोका जा सकता है।
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