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दिल्ली की आर्किटेक्ट ऐश्वर्या टिपनिस को फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कोलकाता में टिपनिस को यह सम्मान दिया जाएगा। उन्हें देश में फ्रांसीसी धरोहरों को संवारने और सहेजने की दिशा में बेहतरीन काम करने पर यह सम्मान दिया जा रहा है।
फ्रांसीसी राजदूत एलेक्जेंडर जिगलर उन्हें यह पुरस्कार देंगे। फ्रांस के कला मंत्रालय की तरफ से टिपनिस को भेजे पत्र में कहा गया है कि टिपनिस ने भारत में फ्रांसीसी धरोहरों को सहेजने में अतुलनीय योगदान दिया है, इसके लिए उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा रहा है।
- यह अवार्ड कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए दिया जाता है।
- दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की पूर्व छात्रा ऐश्वर्या टिपनिस ने धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में लिए कई कदम उठाए हैं। इसके लिए उनकी देशभर में ख्याति भी है।
- 2016 में मध्य प्रदेश के महीदपुर किले के संरक्षण के लिए उन्होंने काफी काम किया, इसके लिए भी उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा पुर्नरुद्धार परियोजना के तहत टिपनिस ने देहरादून के दून स्कूल के लिए भी काफी काम किया है। इसके लिए वह यूनेस्को की तरफ से पुरस्कृत हो चुकी हैं।
- दिल्ली निवासी 37 साल की ऐश्वर्या टिपनिस संरक्षण आर्किटेक्ट (वास्तुकार) हैं।
- वे नई दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) की छात्रा रही हैं।
- टिपनिस यूरोपीय शहरी संरक्षण में परास्नातक हैं।
- उन्होंने खुद को देश की विरासत के संरक्षण के लिए खुद को समर्पित किया है।
- उन्होंने कई परियोजनाओं पर काम किया है और देश के लिए कई खिताब भी जीते हैं।
- 2016 में मध्यप्रदेश में महिंदपुर किले के संरक्षण पर किए काम पर सराहा गया और उन्हें सम्मानित भी किया गया।
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विरासत संरक्षण के लिए यूनेस्को ने पुरस्कार से सम्मानित किया।