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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल 2018 की शुरुआत बड़े ही धमाकेदार अंदाज में की है। इसरो ने 12 जनवरी को 31 उपग्रहों को एक साथ लांच करके एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित कर दिया। इसमें 28 विदेशी और तीन स्वदेशी उपग्रह हैं। इसी लांच के साथ इसरो ने खुद का बनाया हुआ 100वां उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित करके नाबाद शतक भी लगा दिया।
- इसरो के भरोसेमंद प्रक्षेपण यान पोलर सेटेलाइट लांचिंग व्हीकल (पीएसएलवी) से अभियान लांच हुआ। यह पीएसएलवीसी40 की 42वीं उड़ान थी। इसमें भेजे गए 31 उपग्रहों का कुल वजन 1,323 किग्रा है।
- इसमें 710 किग्रा कार्टोसेट-2 का और 613 किग्रा अन्य उपग्रहों का था। पीएसएलवी ने पहली सफल उड़ान 1994 में भरी थी। 44 मीटर लंबा पीएसएलवी भू-स्थिर कक्षा तक 3800 किग्रा तक पेलोड ले जा सकता है।
- 31 में से 28 उपग्रह छह देशों के हैं। इनमें से कनाडा, ब्रिटेन, फिनलैंड और फ्रांस का एक-एक उपग्रह है। पांच उपग्रह दक्षिण कोरिया के हैं। इनके अलावा 19 उपग्रह अमेरिका के हैं। विदेशी उपग्रहों में 25 नैनोसेटेलाइट और तीन माइक्रोसेटेलाइट हैं।
- माइक्रोसेट : 100 किग्रा का माइक्रो सेटेलाइट श्रेणी का यह उपग्रह ही अंतरिक्ष में स्थापित होने वाला इसरो का 100वां उपग्रह है। इसे पृथ्वी से 359 किमी ऊपर स्थापित किया गया है। इसे तकनीकी शोध के लिए भेजा जा रहा है।
- आइएनएस-1सी : इंडियन नैनो सेटेलाइट-1सी (आइएनएस1सी) नामक यह उपग्रह इस श्रृंखला का तीसरा उपग्रह है। दो उपग्रह फरवरी 2017 में भेजे जा चुके हैं। इनसे देश में नक्शे बनाने, कृषि पर नजर रखने, प्रदूषण तत्वों और बादलों पर शोध संभव हो सकेगा।
- कार्टोसेट-2 : यह अंतरिक्ष में भेजे जा चुके कार्टोसेट-2 श्रृंखला के छह उपग्रहों की ही तरह रिमोट सेंसिंग उपग्रह है। इसका वजन 710 किग्रा है। यह पृथ्वी से 505 किमी ऊपर सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित होगा।इसमें लगे पैनक्रोमैटिक और मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों से देश में मानचित्र बनाना, समुद्र तटों की निगरानी, सड़क नेटवर्क का पर्यवेक्षण, जल वितरण समेत भौगोलिक पर्यवेक्षण भी संभव होगा।
- भारत का यह अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र आज से पहले तक 28 देशों के 209 उपग्रह लांच कर चुका था। यह संख्या 237 हो गई।
- इन देशों में ब्रिटेन, चेक गणराज्य, फ्रांस, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, चिली, लातविया, इटली, अमेरिका, जापान, संयुक्त अरब अमीरात, कजाखिस्तान, इजरायल, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, सिंगापुर, इंडोनेशिया, डेनमार्क, लक्जमबर्ग, अल्जीरिया, तुर्की, दक्षिण कोरिया और अर्जेंटीना हैं।
- इसरो 1975 से 2017 तक 101 स्वदेशी उपग्रह लांच कर चुका था। लेकिन इसमें सिर्फ 99 उपग्रह ही उसने पूरी तरह से खुद बनाए हैं।
- अन्य दो में से एक एनआइयूसेट को तमिलनाडु की नूरुल इस्लाम यूनिवर्सिटी ने बनाया था, जिसे 23 जून, 2017 को लांच किया गया।
- आइआरएनएसएस-1एच को निजी कंपनी के साथ मिलकर बनाया गया था। अब यह संख्या 104 हो गई।
- कार्टोसैट-2 उपग्रह एक बड़े कैमरे की तरह है।
- इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे भी लगे हैं।
- इसे ‘आई इन द स्काई’ यानी आसमानी आंख भी कह सकते हैं।
- यह एक अर्थ इमेजिंग उपग्रह है।
- सीमा पर नजर रखने के लिए कार्टोसैट-2 इसरो की मदद करेगा।
- इससे उच्च क्वालिटी की तस्वीर मिलेगी।
- सटीक मैप बनाने में भी यह उपयोगी होगी।