पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे देश के सरकारी बैंकों को अब इतिहास के सबसे बड़े घोटाले से निपटना होगा। सरकारी क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने यह राज उजागर किया है कि उसके मुंबई स्थित एक शाखा में 1.77 अरब डॉलर (11,346 करोड़ रुपये) का घोटाला हुआ है।
- पीएनबी की तरफ से शेयर बाजार को सूचना दे कर अपनी एक शाखा में की गई इस धांधली के बारे में जानकारी दी। यह मामला वर्ष 2010 से चल रहा था।
- बैंक ने बताया है कि, ”उसने मुंबई स्थित अपनी एक शाखा में कुछ गड़बड़ी दर्ज की है। कुछ खाताधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए लेन देन की गई है।
- इन लेन देन के आधार पर ग्राहकों को दूसरे बैंकों ने विदेशों में कर्जे दिए हैं। इस लेन देन का आकार 1.77 अरब डॉलर है। इसकी सूचना जांच एजेंसियों को दी गई है ताकि कानून के तहत दोषियो के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- पीएनबी की तरफ से इस सूचना के आने के साथ ही वित्त मंत्रालय और पूरे बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। वित्त मंत्रालय ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है।
- वित्त मंत्रालय के बैंकिंग विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन के मुताबिक, ‘यह एक बड़ा मामला नहीं है और ऐसी स्थिति नहीं है जिसे कहा जाए कि हालात काबू में नहीं है।’ लेकिन वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी इस बात से चिंतित है कि इसके तार कुछ दूसरे सरकारों से भी जुड़े हुए हैं।
- यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने भी पीएनबी की तरफ से गड़बडी करने वाले खाताधारकों को जारी आशय पत्र (एलओयू) के आधार पर कर्ज दिए हैं। ऐसे में जांच के दायरे मे ये बैंक भी आएंगे।
- एलओयू एक बैंक शाखा की तरफ से दूसरे बैंक शाखा को जारी एक ऐसा प्रपत्र है जो निश्चित खाताधारकों के पक्ष में दी गई एक गारंटी होती है। इसके आधार पर दूसरे जगह स्थित बैंक शाखा उस ग्राहक को कर्ज की सुविधा देती है।
- बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों का कहना है कि जब नीरव मोदी मामले की जांच की गई तब इस तरह के दूसरे घोटाले का पता चला। नीरव मोदी व अन्य ग्राहक पीएनबी की उक्त शाखा से हासिल एलओयू के आधार पर दूसरे देशों में कर्ज हासिल करता था।
- यह काम वर्ष 2010 से ही चल रहा था। ग्राहक इस कर्ज को समय पर चुका रहे थे जिससे किसी को पता नहीं चल रहा था। लेकिन हाल ही में नीरव मोदी की कंपनी ने कर्ज का भुगतान नहीं किया। इसके पीछे की कहानी यह बताई जा रही है कि गड़बड़ी में शामिल पीएनबी के अधिकारियों ने ज्यादा मार्जिन मनी की मांग की।