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What is Protein?

*प्रोटीन क्या है?*

प्रोटीन एक बड़ा पोषक तत्व है, जो हमारे भोजन में पाया जाता है। यह मानव शरीर में कई कार्य करता है। इसका प्राथमिक कार्य हमारे शरीर में मांसपेशियों का निर्माण करना और मांसपेशी की मरम्मत करना है, इसलिए यह फिटनेस प्रेमी और जिम में वर्क आउट करने वालो के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह औसत व्यक्ति के शरीर को पूरी तरह कार्यात्मक रखने के लिए के भी महत्वपूर्ण है। इसलिए हमारे शरीर की विभिन्न गतिविधियों का सुचारु रुप सॆ संचालन करने के लिये हमे अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिये। प्रोटीन हमारे अंगों, त्वचा, बाल, लाल रक्त कोशिकाओं, मांसपेशियों में, और मस्तिष्क आदि के रूप में हमारे शरीर में हर जगह है।

*आइये डालते है, प्रोटीन से होने वाले कुछ लाभों पर नजर*

1.मांसपेशियों को बनाने व बनाए रखने में मदद करता है:

प्रोटीन हमारे शरीर में मांसपेशियों(मसल्स)के निर्माण के लिए प्राथमिक पोषक तत्व(न्यूट्रिएंट) है। अगर आप जिम में वर्क आउट करते है, या कसरत करते है, तो आपको मांसपेशियों की मरम्मत के लिए अपने आहार में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। जिम या कसरत में भारी वजन उठाने के बाद, हमारी मांसपेशियों के रेशे टूटते हैं और फिर से बनते हैं इस समय हमारे शरीर को प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है। इस समय अगर मांसपेशियों के निर्माण के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन जाये तो मांसपेशियों के रेशे टूटना बंद होते हैं तथा मांसपेशियों का निर्माण शुरु होता है इसलिए कसरत के तुरंत बाद ही जल्दी पचने वाला प्रोटीन लेना चाहिये।

2.मस्तिष्क एकाग्रता और संज्ञानात्मक कौशल सीखने में मदद करता है:

आपका मस्तिष्क पढ़ने, खेलने, या कार ड्राइविंग आदि के रूप में विभिन्न गतिविधियों के लिए लगातार काम करता है, इसलिए, इसे सभी गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ऊर्जा की जरूरत है यदि आप प्रोटीन खाद्य स्रोतों से ऊर्जा लेते हैं, तो आप इस तरह सेरोटोनिन और डोपामाइन रसायन के रूप में पर्याप्त न्यूरोट्रांसमीटर करते है, जो हमारे मन को खुश व अच्छा रखते है। यह अवसादरोधी दवाओं की तरह, व चिंता के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में कार्य करता है।

3.त्वचा और बालों की सेहत के लिए:

हमारे शरीर की त्वचा, बाल, नाखुन आदि प्रोटीन से बने होते है। त्वचा के प्रोटीन कोलेजन, इलास्टिन और केराटीन हैं। कोलेजन जो त्वचा पर लगभग 75-80% तक होता है, जो त्वचा पर झुर्रियां और लाइनों को कम करता है। इलास्टिन एक और प्रोटीन है कि हमारी त्वचा की संरचना बनाता है।यह त्वचा को लचीला बनाता है तथा केराटिन त्वचा को कसा हुआ बनाये रखता है।

4.हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में:

प्रोटीन हड्डियों के द्रव्यमान का लगभग एक तिहाई है, इसकी कमी की वजह से फ्रैक्चर, हड्डी कमजोरी व ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। उच्च आहार में प्रोटीन कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जो ऊपर दी बताई गई समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

5.हॉर्मोन को प्राकृतिक रूप से संतुलित करने में:

टेस्टोस्टेरोन पुरुष हार्मोन है और एस्ट्रोजन महिला हार्मोन है। दोनों का संतुलन शरीर में आवश्यक है, विशेष रूप से पुरुषों के लिए, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन महत्वपूर्ण एक है, जो पुरषों में मांसपेशियों व शारीरिक संरचना का निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से पुरषों शरीर में मांस कम होता है तथा शरीर अनचाहा फैट बड़ जाता है इसकी कमी होने का एक कारण एस्ट्रोजन का शरीर में बढ़ना भी हो सकता है। प्रोटीन टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करता है और प्राकृतिक रूप से दोनों हॉर्मोन को संतुलित करता है, तथा शरीर में अनचाहे फैट को कम करने में मदद करता है, अगर उचित आहार और व्यायाम को ध्यान में रखा जाये।

6.प्रतिरक्षा प्रणाली (रोगों से लड़ने की क्षमता) को मजबूत करता है:

प्रतिरक्षा प्रणाली भी प्रोटीन से बनती है ,इसलिए प्रोटीन प्रतिरक्षा प्रणाली(Immune System) को मजबूत बनाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बाहरी या खतरनाक आक्रमणकारियों जैसे, सूक्ष्मजीवों, वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, कवक आदि से रक्षा करता है।

हमारा शरीर एमिनो एसिड का उपयोग करके प्रोटीन बनाता है, इसमें वो प्रोटीन भी होता है जो इम्यून सिस्टम को बनाता है। उदाहरण के लिए, एंटीबॉडी, प्रोटीन है, जो हमारे खून में प्रसारित होकर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रमुख घटक बना रहता हैं।

7.युवा अवस्था बनाये रखने में:

एक अध्यनन से पता चलता है, कि उचित मात्रा में प्रोटीन आहार में लेने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है, जो आपको युवा बनाये रखने में सहायक है।

प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ में ग्लूटाथियोंन नामक एक ‘मास्टर एंटीऑक्सीडेंट’ होता है, जो हमारे शरीर के फ्री रेडिकल को कम करता है, तथा कैंसर पैदा करने वाले कार्सिनोजन जैसे पदार्थ को डेटॉक्स कर शरीर से बाहर करता है।

8.एक ऊर्जा के स्रोत के रूप में :

हालांकि, यह कार्बोहाइड्रेट की तुलना में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत नहीं है,लेकिन यह कार्बोहाइड्रेट के समान ही ऊर्जा देता है। 1 ग्राम प्रोटीन में चार किलो कैलोरी (4Kcals)होती है, आपके लक्ष्य और दैनिक आवश्यकता पर निर्भर करता है, कि आपको कितनी कैलोरी चाहिए

उदाहरण के लिए आपको 2000 Kcals कैलोरी की जरुरत है तो आप 50-100 ग्राम प्रोटीन प्रति दिन ले सकते है यह भी आपकी डाइट पर निर्भर करता है,तथा शेष कैलोरी की जरुरत आप वसा व कार्बोहाइड्रेट से पूरी कर सकते हैं

*प्रोटीन के लाभ और नुकसान*

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की मरम्मत करना और निर्माण करना होता है। आवश्यकता की कुल कैलोरी 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आनी चाहिए। फिर भी प्रतिदिन प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए यह व्यक्ति की उम्र, वजन और उसके रोज के कार्य पर निर्भर करता है। 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी होती है। अगर कोई प्रतिदिन 2000 कैलोरी का सेवन करता है तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आनी चाहिए।

वैसे तो प्रोटीन सेहत के लिए बेहद आवश्यक तत्व है लेकिन कई बार प्रोटीन की अनावश्यक खुराक शरीर को नुकसान भी पहुंचाती है। कुछ लोग तो प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों को अनदेखा करके दवाइयों और अन्य आर्टिफिशियल तत्वों से प्रोटीन की कमी को पूरा करने में लगे रहते हैं।

प्रोटीन के उद्गम

*अलसी और चिया के बीज़*

अलसी (फ्लैक्स सीड) और चिया सीड के बीज अपने गुणों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, तथा सुपर फ़ूड के नाम से जाने जाते है। इनमें प्रोटीन की मात्रा 17-18 ग्राम प्रति 100 ग्राम होती है। दोनों में ओमेगा-3 हेल्थी फैट्स और फाइबर होते है, जो आपके ह्रदय की सेहत के लिए अच्छा

*राजमा (रेड बीन्स) और ब्लैक बीन्स* आदि में क्रमशः 24 एवं 21 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा इसमें फाइबर होता है, जो भोजन के तुरंत बाद रक्त में शर्करा (शुगर) को अधिक नहीं बढ़ने देता है। इसलिए यह डायबिटीज रोगियों के लिए अच्छा विकल्प है।

*दाल*
दाल दुनिया भर में पसंद की जाती है। आप इस को स्वादिष्ट सूप की शक्ल में या चावल के ऊपर डालकर प्याज़ और गाजर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रत्येक सर्विंग में १२ ग्राम

*मेवे और मूंगफली का मक्खन*

मूंगफली का मक्खन हमेशा ही एक अच्छा स्नैक माना जाता है, और मेवे तो इससे भी ज़्यादा फायदेमंद होते हैं। अपने सुबह के नाश्ते की सीरियल, सलाद और तले हुए भोजनोंमें अखरोट, बादाम, काजू जैसे मेवों को डालकर आप प्रोटीन से भरपूर स्नैक्स बना सकते हैं। और चाहें तो इन्हें मर्तबान से सीधे निकाल कर भी खा सकते हैं।

*सोया का दूध*

इसका इस्तेमाल सुबह की सिरियल या स्मूथी में बहुत अच्छा होता है। इस में गाय के दूध जितना प्रोटीन होता है,

प्रोटीन खाद्य पदार्थों में बड़ी संख्या में मिलता है जैसे कि सोयाबीन, दूध तथा दूध से बने उत्पाद आदि। साबुत अनाज और दालों में भी प्रोटीन होता है। राजमा, मूंग, अरहर दाल, काजू, बादाम, कद्दू के बीज, सीसम आदि में भी उच्च मात्रा में प्रोटीन होता ह

*प्रोटीन के नुकसान*

– किडनी से संबंधित रोग।
– मूत्र में पीएच बैलेंस का बिगड़ना।
– किडनी की पथरी का खतरा।
– कुल कैलोरी का 30 प्रतिशत से अधिक सेवन नुकसानदायक।
– शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक विषैला पदार्थ है।

– अत्यधिक प्रोटीन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर हो सकता है।
– प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम हो जाता है जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है।
– प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में शरीर को परेशानी होती है।

*सोलह से अट्ठारह वर्ष के आयु वर्गवाले लड़के, जिनका वजन ५७ किलोग्राम है, उनके लिए प्रतिदिन ७८ ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इसी तरह समान आयु वर्ग वाली लड़कियों के लिए, जिनका वजन ५० किलोग्राम है, उनके लिए प्रतिदिन ६३ ग्राम प्रोटीन का सेवन जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के लिए ६३ ग्राम, जबकि स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए (छह माह तक) प्रतिदिन ७५ ग्राम प्रोटीन का सेवन आवश्यक

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