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सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 5 जनवरी 2018 को विवाहिता को संरक्षण देने वाली आइपीसी की धारा 497 (व्याभिचार (एडल्टरी) और सीआरपीसी की धारा 198(2) की वैधानिकता का मामला पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ को भेज दिया है।
- कोई व्यक्ति जानबूझकर दूसरे की पत्नी से उसके पति की सहमति के बगैर शारीरिक संबंध बनाता है और वह संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता, तो वह व्यक्ति एडल्टरी का अपराध करता है।
- उसे पांच वर्ष तक की कैद या जुर्माने की सजा हो सकता है।
इस अपराध में सिर्फ पति ही शिकायत कर सकता है। पति की अनुपस्थिति में महिला की देखभाल करने वाला व्यक्ति कोर्ट की इजाजत से पति की ओर से शिकायत कर सकता है।